ओ राही चल ओ राही चल ओ राही चल ओ राही चल जिंदगी का सफर अजनबी अजनबी साँसों की रहगुजर अजनबी न तुझे है ख़बर न मुझे है ख़बर चल रहे हम मगर अजनबी अल्लाह हाफिज़, अल्लाह हाफिज़, अल्लाह हाफिज़, अल्लाह हाफिज़, कह रहा हर पल अल्लाह हाफिज़, अल्लाह हाफिज़, अल्लाह हाफिज़, अल्लाह हाफिज़, कह रहा हर पल... ओ राही चल... ओ राही चल... चलते जाना है ओ राही चलते जाना है चलते जाना है जिंदगी चलते जाना है ओ राही चलते जाना है रास्ते हो भले अजनबी हर नज़ारा हर इशारा नया नया है कौन जाने है सवेरा कहाँ ज़र्रा ज़र्रा लम्हा लम्हा नया है कौन जाने है बसेरा कहाँ हर शहर, हर डगर अजनबी अजनबी हर निशाँ हर पहर अजनबी न तुझे है ख़बर, न मुझे है ख़बर चल रहे हम मगर अजनबी अल्लाह हाफिज़, अल्लाह हाफिज़, अल्लाह हाफिज़, अल्लाह हाफिज़, कह रहा हर पल अल्लाह हाफिज़, अल्लाह हाफिज़, अल्लाह हाफिज़, अल्लाह हाफिज़, कह रहा हर पल ओ राही चल ओ राही चल ओ राही चल... धूप छाया, मौज दरिया जुदा जुदा है कौन जाने है किनारा कहाँ सारे मौसम सारे आलम जुदा जुदा है कौन जाने है गुजारा कहाँ हर घड़ी हर गजर अजनबी अजनबी हर पहर हर लहर अजनबी न तुझे है ख़बर, न मुझे है ख़बर चल रहे हम मगर अजनबी अल्लाह हाफिज़, अल्लाह हाफिज़, अल्लाह हाफिज़, अल्लाह हाफिज़, कह रहा हर पल अल्लाह हाफिज़, अल्लाह हाफिज़, अल्लाह हाफिज़, अल्लाह हाफिज़, कह रहा हर पल ......