सौ दर्द हैं, सौ राहातें सब मिला दिलनशीं एक तू ही नहीं... सौ दर्द हैं, सौ राहातें सब मिला दिलनशीं एक तू ही नहीं... ~ संगीत ~ रूखी रूखी सी ये हवा और सूखे पत्ते की तरहा शहर की सड़कों पे मैं लावारिस उड़ता हुआ सौ रास्ते पर तेरी राह नहीं... सौ दर्द हैं, सौ राहातें सब मिला दिलनशीं एक तू ही नहीं... ~ संगीत ~ बहता है पानी बहने दे वक़्त को यूँही रहने दे दरिया ने करवट ली है तो साहिलों को सहने दे सौ हसरतें पर तेरा ग़म नहीं...