इतनी मोहब्बत करो ना मैं डूब ना जाऊं कहीं वापस किनारे पे आना मैं भूल ना जाऊं कहीं देखा जबसे चेहरा तेरा मैं तो हफ़्तों से सोया नहीं बोल दो ना ज़रा दिल में जो है छिपा मैं किसी से कहूँगा नहीं बोल दो ना ज़रा दिल में जो है छिपा मैं किसी से कहूँगा नहीं मैं किसी से कहूँगा नहीं मुझे नींद आती नहीं है अकेले ख्वाबों में आया करो नहीं चल सकूँगा तुम्हारे बिना मैं मेरा तुम सहारा बनो इक तुम्हें चाहने के अलावा और कुछ हमसे होगा नहीं बोल दो ना ज़रा दिल में जो है छिपा मैं किसी से कहूँगा नहीं बोल दो ना ज़रा दिल में जो है छिपा मैं किसी से कहूँगा नहीं मैं किसी से कहूँगा नहीं हमारी कमी तुमको महसूस होगी भीगा देंगी जब बारिशें मैं भर कर के लाया हूँ आँखों में अपनी अधूरी सी कुछ ख्वाहिशें रूह से चाहने वाले आशिक़ बातें जिस्मों की करते नहीं बोल दो ना ज़रा दिल में जो है छिपा मैं किसी से कहूँगा नहीं बोल दो ना ज़रा दिल में जो है छिपा मैं किसी से कहूँगा नहीं मैं किसी से कहूँगा नहीं