Aa aa aa जुस्तजू जिसकी थी उसको तो न पाया हमने जुस्तजू जिसकी थी उसको तो न पाया हमने इस बहाने से मगर देख ली दुनिया हमने इस बहाने से मगर देख ली दुनिया हमने जुस्तजू जिसकी थी तुझको रुसवा न किया, खुद भी पशेमाँ न हुये तुझको रुसवा न किया, खुद भी पशेमाँ न हुये इश्क़ की रस्म को इस तरह निभाया हमने इश्क़ की रस्म को इस तरह निभाया हमने जुस्तजू जिसकी थी... कब मिली थी कहाँ बिछड़ी थी, हमें याद नहीं कब मिली थी कहाँ बिछड़ी थी, हमें याद नहीं ज़िंदगी तुझको तो, बस ख़्वाब में देखा हमने ज़िंदगी तुझको तो, बस ख़्वाब में देखा हमने जुस्तजू जिसकी थी... ऐ अदा और सुनाये भी तो क्या हाल अपना ऐ अदा और सुनाये भी तो क्या हाल अपना उम्र का लम्बा सफ़र तय किया तन्हा हमने उम्र का लम्बा सफ़र तय किया तन्हा हमने जुस्तजू जिसकी थी उसको तो न पाया हमन इस बहाने से मगर देख ली दुनिया हमने जुस्तजू जिसकी थी